#LoveMonth

हाँ तोह बताइए, प्यार क्या है, वो कहाँ है?
क्या वो किताबों में है या फिर गुलाबों में
आसमान के चाँद सितारों में या ज़मीन के खेत खलियानों में है?
तो जनाब आपको बतला दें – वो ना चाँद सितारों में है ना ही
ग़ालिब और बशीर बद्र की क़िताबों में।।
वो शायद उस आचार में है जो माँ ने ऑफिस के डिब्बे मे बड़े ख्याल से रख कर दिया।
वो शायद पिता की लाई हुई उस फ्रॉक मे है जो उन्होंने अपनी छोटी सी तनख्वा से खरीदी।
वो शायद बहन की उस हील वाली सैंडल में है जो उसने बिना एक बार भी पहने चुप चाप तुम्हें दे दी।
वो शायद भाई की उस सोच में है जिसने तुम्हें देर से आने पर मम्मी की डांट से बचाया।
वो शायद उस चाय की प्याली में है जो पति ने बीच अपनी ऑनलाइन मीटिंग से उठकर तुम्हारे लिए बनाई।
प्यार, मेरे दोस्त यहाँ वहाँ नहीं, वो नज़रिये में है, वो सोच में है।।।।
उसे समझो तो मिलेगा, उसे पहचानो तो दिखेगा।

Priyanka Yadav
Priyanka is a Research Scholar at JNU. You can follow her writings on her blog here